रुद्राक्ष को काफी पवित्र माना जाता है और इसे शक्तिशाली ऊर्जा का स्रोत भी माना जाता है। इस वजह से लोग इसे पहना करते हैं।
मान्यता के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है।
रुद्राक्ष को पहनने से पहले गंगाजल या साफ पानी से जरूर धोना चाहिए। रुद्राक्ष को हमेशा लाल या पीले रंग के सूती धागे में गूंथकर पहनना भी शुभ माना गया है।
रुद्राक्ष को पहनने से पहले “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ रुद्राय नमः” मंत्र का 9 बार जाप करना चाहिए। मासिक धर्म के समय महिलाओं को रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए।
रुद्राक्ष को नियमित तौर पर साफ करते रहना चाहिए। अगर धागा घिस जाए , तो उसे बदलकर दोबारा गंगाजल से धोकर ही पहनें। इसे पहनने के बाद मांस-मदिरा का सेवन बिलकुल न करें।
रुद्राक्ष को एक बार पहन लेने के बाद बिना खास वजह से उसे उतारना नहीं चाहिए और न ही किसी और को देना चाहिए।
रुद्राक्ष पहनने से मानसिक रूप से शांति भी मिलती है और एकाग्रता भी बढ़ती है।जो लोग पढ़ाई या दिमागी काम करते हैं, उनके लिए यह काफी फायदेमंद होता है।
रुद्राक्ष पहने से सेहत में भी सुधार आता है। रुद्राक्ष बुरी नजर या नकारात्मक सोच से रक्षा भी करता है और इससे बुध ग्रह मजबूत भी होते है।
रुद्राक्ष धारण करने से आत्मविश्वास भी बढ़ता है और महादेव जी की कृपा भी बरसती है। पूजा-पाठ करने वाले जातकों के लिए रुद्राक्ष आध्यात्मिक उन्नति का भी जरिया बन सकता है।
यह जानकारी सिर्फ मान्यताओं, धार्मिक ग्रंथों और विभिन्न माध्यमों पर ही आधारित है। किसी भी जानकारी को मानने से पहले विशेषज्ञ की जरूर सलाह लें।