30-35 गज में बनी थी चार मंजिला इमारत
घटना स्थल पर मौजूद फायर विभाग ने बताया कि यह इमारत करीब 30 से 35 गज क्षेत्रफल में बनी थी और ग्राउंड प्लस 3 यानी कुल चार मंजिला थी। गिरने के वक्त इमारत में कई लोग मौजूद थे। फिलहाल राहत कार्य के दौरान 8 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है और उन्हें अलग-अलग अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
संकरी गलियों में चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन
हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर दिल्ली फायर सर्विस की 7 गाड़ियाँ भेजी गईं। साथ ही पुलिस और अन्य बचाव एजेंसियां भी मौके पर पहुंचीं। हालांकि, इलाके की गलियाँ बेहद संकरी होने के कारण राहत कार्य में कई प्रकार की चुनौतियाँ सामने आ रही हैं। फिर भी फायर ब्रिगेड की टीम और स्थानीय लोग मिलकर लगातार मलबे में फंसे लोगों को निकालने का प्रयास कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों की तत्परता ने बचाई कई जानें
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसे की आवाज बहुत तेज थी, जिससे पूरा मोहल्ला दहल गया। आसपास के लोग तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और खुद राहत कार्य में जुट गए। कुछ ही समय में फायर विभाग को सूचना दी गई और जल्द ही टीमें भी पहुंच गईं। कहा जा रहा है कि यदि स्थानीय लोगों ने फुर्ती न दिखाई होती, तो नुकसान और बड़ा हो सकता था।
अब भी दबे हो सकते हैं लोग
हालांकि अभी तक इस हादसे में किसी की मौत की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कई लोग अब भी मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। राहत कार्य पूरा होने के बाद ही वास्तविक स्थिति सामने आ पाएगी। प्रशासन और बचाव दल सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए खोज अभियान चला रहे हैं।
इमारत की स्थिति जर्जर, निर्माण में अनियमितता की आशंका
शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि जिस इमारत में हादसा हुआ, वह काफी पुरानी और कमजोर हो चुकी थी। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इमारत का निर्माण वैध था या नहीं, लेकिन इतने छोटे भूखंड में चार मंजिला इमारत होना सवाल खड़े करता है। अधिकारियों का कहना है कि निर्माण की गुणवत्ता और स्वीकृति दस्तावेजों की जांच की जाएगी।
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