छात्र नेता अभिषेक चौधरी ने कहा कि यह ‘लोकतंत्र की विदाई’ बारात साधारण विरोध नहीं, बल्कि छात्रों के भीतर उमड़े गुस्से और उपेक्षा का जीवंत रूप है।
जयपुर में छात्र संघ चुनाव करने की मांग को लेकर बैंड-बाजो के साथ एक बहुत ही अनूठी बारात निकाली गई.
राजस्थान यूनिवर्सिटी में छात्रों ने ‘लोकतंत्र की विदाई’ के तहत अनोखा सांकेतिक प्रदर्शन किया। एक छात्र नेता CM भजनलाल शर्मा का मुखौटा पहन घोड़ी पर सवार दिखा, तो मंत्री के मुखौटे वाले छात्र ढोल-नगाड़ों पर झूमते नजर आए। बैंड-बाजा और घोड़ी देख पुलिस हैरान हुई, लेकिन बाद में छात्रों को गेट पर ही रोक दिया गया।
छात्र नेता अभिषेक चौधरी के नेतृत्व में हुए इस अनूठे प्रदर्शन में बड़ी संख्या में छात्र भी शामिल हुए.
प्रदर्शन में छात्रों ने ‘सरकार की बारात’ की तख्तियां थामीं और एक पुरानी कार को ‘लोकतंत्र की विदाई’ के प्रतीक रूप में सजाया। छात्र नेता अभिषेक चौधरी ने इसे छात्रों की नाराज़गी और उपेक्षा का प्रतीक बताया, जो अब उबाल पर है।
छात्र नेता ने कहा कि सरकार द्वारा बार-बार छात्रसंघ चुनावों को टालना लोकतंत्र पर सीधा हमला है। बारात में CM को प्रतीकात्मक दूल्हा बनाकर घोड़ी पर बैठाना दर्शाता है कि अब छात्रों का धैर्य जवाब दे चुका है।
यह प्रदर्शन सिर्फ मज़ाक नहीं है, यह एक करारी आलोचना है
छात्रों ने कहा कि जिनके हाथ संविधान की रक्षा के लिए हैं, वही उसकी चिता सजाने में लगे हैं। मंत्रियों को बारात का हिस्सा बनाकर उन्होंने दिखाया कि पूरा सत्ता तंत्र लोकतंत्र को खत्म करने में साथ खड़ा है। यह बारात उस राजनीति की शवयात्रा है जो युवाओं को नेतृत्व और सवाल पूछना सिखाती थी।
छात्रों का कहना है कि राजस्थान विश्वविद्यालय में बोलने और चुने जाने का हक छीना जाना शिक्षा की आत्मा का अपमान है। यह युवाओं को राजनीतिक रूप से कमजोर करने की साजिश है, और अगर सरकार सोचती है कि छात्र चुप रहेंगे, तो वह गलत है।
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