चार सालों में होने वाले Commonwealth Games के 23वे संस्करण यानी कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 का आयोजन 23 जुलाई से 12 अगस्त तक स्कॉटलैंड के ग्लास्गो में होगा। स्कॉटलैंड 12 वर्षों बाद इन खेलों की मेजबानी कर रहा है। पहले कॉमनवेल्थ गेम्स ऑस्ट्रेलिया में होने थे। पिछले साल ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने आयोजन से इनकार कर दिया। इसके बाद गेम्स को ग्लासगो में कराने का फैसला लिया गया जबकि 2030 में कॉमनवेल्थ खेलो की जिम्मेदारी भारत को दी गई है।
2026 में ग्लासगो में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में 9 खेलो को बाहर कर दिया गया है। ऐसा करने की बड़ी वजह सीमित बजट होना बताया जा रहा है। बैडमिंटन, शूटिंग, क्रिकेट, हॉकी, स्क्वॉश, टेबल टेनिस, कुश्ती, ट्रायथलन और आर्चरी जैसे खेलो को बाहर कर दिया गया है। इन खेलो के बाहर होने से भारत की कॉमनवेल्थ खेलो में ज्यादा से ज्यादा मेडल जीतने की संभावनाओं को तगड़ा झटका लगा है।
इस बार खेले जाएंगे ये खेल
कॉमनवेल्थ में अब केवल 10 इवेंट ही होंगे। इसमें एथलेटिक्स, स्वीमिंग, आर्टिस्टिक जिमनास्टिक्स, ट्रैक साइकिलिंग, नेटबॉल, वेटलिफ्टिंग, बॉक्सिंग, जूडो, बाउल्स और बास्केटबॉल शामिल हैं। ये सभी इवेंट चार स्थानों पर होंगे। इसके अलावा पैरा खिलाड़ियों के इवेंट होंगे।
भारतीय फैंस 2026 में होने वाले Commonwealth खेलो को लेकर काफी उत्सुक है और भारतीय खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने को तैयार है।
इन खिलाड़ियों पर टिकी भारत की उम्मीदें
कॉमनवेल्थ खेलो में से 9 एहम खेलो के बहार होने के बाद अब भारत के इन खिलाड़ियों पर सबकी नजर टिकी है।
भाला फेंक (जेवलिन)
नीरज चोपड़ा भारत के ट्रैक और फील्ड एथलीट प्रतिस्पर्धा में भाला फेंकने वाले खिलाड़ी हैं। नीरज ने 87.58 मीटर भाला फेंककर टोक्यो ओलंपिक 2020 में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा है। नीरज ने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में 86.47 मीटर के थ्रो गोल्ड जीता था। भारत को इस बार भी उनसे गोल्ड जीतने की उम्मीद है।
नीरज के अलावा भारत के पैरा जेवलिन खिलाड़ी नवदीप सिंह ने पेरिस 2024 पैरालंपिक में पुरुषों की भाला फेंक F41 श्रेणी में 47.32 मीटर के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता उनसे भी इस बार मेडल की उम्मीद भारत को है।
इसके साथ ही फीमेल कैटेगरी की बात करे तो अनु रानी भी इस कैटेगरी में 2022 कॉमनवेल्थ खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला भाला फेंक खिलाड़ी रही ही।
मुक्केबाजी (बॉक्सिंग)
भारतीय मुक्केबाज हितेश गुलिया जिन्होंने विश्व मुक्केबाजी कप ब्राजील 2025 में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता और फीमेल कैटेगरी में साक्षी ढांडा और जैस्मीन लम्बोदिया जिन्होंने विश्व चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीता उनसे भी काफी उम्मीद भारत को है।
भारोत्तोलन (वेटलिफ्टिंग)
भारत ने वेटलिफ्टिंग में अपनी पहचान बनाई है इसकी वजह है टोक्यो 2020 पदक विजेता मीराबाई चानू और 2012 से 2017 तक कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में लगातार चार स्वर्ण पदक जीते सतीश शिवलिंगम, जेरेमी लालरिनुंगा और झिल्ली दलबेहेरा जैसे खिलाड़ी। इन सभी खिलाडियों से भी भारत को बहुत उम्मीदें है।
इन सभी खिलाड़ियों के अलावा भारत को महिला और पुरुष बास्केटबॉल टीमों और पैरा खिलाड़ियों से भी पदक जीतने की उम्मीद है। भारत से करीबन 120 से अधिक खिलाड़ियों के कॉमनवेल्थ 2026 में भाग लेने की उम्मीद है।