मुख्य बातें:
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व्हाइट हाउस ने कहा – ईरान की साइट्स से यूरेनियम नहीं हटाया गया था
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Fordo साइट पर B2 बॉम्बर्स ने किए थे सटीक हमले
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अब भी नहीं पता कि 400 किलो इनरिच्ड यूरेनियम गया कहां
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यूएन और अमेरिका के विशेषज्ञों को मौके पर नहीं मिली अनुमति
व्हाइट हाउस की पुष्टि: “यूरेनियम वहीं था”
अमेरिका और ईरान के बीच गहराते तनाव के बीच अब व्हाइट हाउस की ओर से बड़ा बयान सामने आया है।
अधिकारियों ने स्पष्ट कहा है कि ईरान की प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स – खासकर Fordo फैसिलिटी – से हमला होने से पहले तक इनरिच्ड यूरेनियम को नहीं हटाया गया था।
व्हाइट हाउस प्रवक्ता ने कहा,
“हमारे पास पुख्ता खुफिया जानकारी थी कि जिस स्थान को निशाना बनाया गया, वहां यूरेनियम मौजूद था। किसी तरह की मूवमेंट या ट्रांसपोर्टेशन की कोई गतिविधि नहीं देखी गई थी।”
Fordo पर अमेरिका के सटीक हमले
23 जून 2025 को अमेरिका ने B2 स्टील्थ बॉम्बर्स की मदद से Fordo एनरिचमेंट फैसिलिटी पर 6 सटीक हमले किए।
पेंटागन के मुताबिक, इन हमलों का मकसद था वेंटिलेशन शाफ्ट्स और भूमिगत बंकरों को तबाह करना, जहाँ इनरिच्ड यूरेनियम संग्रहित होने की संभावना थी।
उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों में साफ देखा गया कि साइट को गहरा नुकसान पहुंचा है।
तो फिर 400 किलो यूरेनियम गया कहां?
यही सवाल अब दुनिया भर की खुफिया एजेंसियों को परेशान कर रहा है।
व्हाइट हाउस मानता है कि यदि यूरेनियम को हमले से पहले नहीं हटाया गया था, तो वह या तो विनष्ट हो गया होगा या दब गया होगा।
हालांकि, इस पर अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है क्योंकि:
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अभी तक किसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी को साइट का निरीक्षण करने की अनुमति नहीं दी गई
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पूरा इलाका सुरक्षा कारणों से सील कर दिया गया है
ईरान की प्रतिक्रिया: “हमारा कार्यक्रम जारी रहेगा”
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने हमलों के 10 दिन बाद बयान दिया कि
“अमेरिका ने कुछ खास हासिल नहीं किया। हमारी प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स अभी भी सुरक्षित हैं।”
ईरान यह भी दावा कर रहा है कि वह जल्द ही अपने न्यूक्लियर कार्यक्रम को फिर से शुरू करेगा, जिससे अंतरराष्ट्रीय चिंताएं और बढ़ गई हैं।
यूरोपीय यूनियन की रिपोर्ट
ईयू नेताओं ने कहा है कि:
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हमलों में कुछ यूरेनियम क्षतिग्रस्त हो सकता है
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लेकिन भंडार पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है
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ईरान अब भी अपनी क्षमताओं को पुनः स्थापित कर सकता है
निष्कर्ष: रहस्य कायम, चिंता बरकरार
व्हाइट हाउस का यह दावा कि हमले से पहले यूरेनियम को नहीं हटाया गया था, वैश्विक सुरक्षा के लिए बड़ा सवाल बनकर उभरा है।
अब निगाहें टिकी हैं संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) पर, कि क्या वे Fordo जाकर असली हालात जान पाएंगे।