शुक्रवार को सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत कुछ अच्छी नहीं रही। शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। ये लगातार तीसरा दिन है जब शेयर बाजार में ऐसी गिरावट देखने को मिली है।
आज सेंसेक्स और निफ्टी दोनों इंडेक्स में करीब 1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज कि गई। BSE सेंसेक्स 690 अंकों (0.83%) की गिरावट के साथ 82,500.47 अंकों पर आकर बंद हुआ। इसी तरह, आज NSE निफ्टी 50 इंडेक्स भी 206 अंकों (0.81%) के नुकसान के साथ 25,149.85 अंकों पर बंद हुआ।
BSE में आज सबसे बड़ी गिरावट TCS के शेयरों में देखने को मिली है। टाटा ग्रुप का यह शेयर 3.46% गिरावट के साथ बंद हुआ है। वहीं, महिंद्रा एंड महिंद्रा का शेयर 2.75% की गिरावट के साथ बंद हुआ है। सेंसेक्स की 30 में से सिर्फ 6 कंपनियों के शेयर ही बढ़त के साथ बंद हुए। इसके अलावा 22 कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। वही दूसरी ओर हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर ने 4.65% की बढ़त के साथ बंद हुए और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयरों में आज किसी प्रकार का बदलाव नहीं देखा गया।
इसके साथ ही निफ्टी को 50 कम्पनियों में से सिर्फ 11 कंपनियों के शेयरों में बढ़त देखी गई और बाकी की 39 कंपनियों के शेयर नुकसान के साथ बंद हुए।
क्या रही गिरावट की वजह
दरअसल शेयर बाजार के गिरने की कई सारी वजह है जिनमें से एक है TCS। TCS ने Q1FY26 के नतीजे जारी किए जो उम्मीद से कम थे। नतीजों के बाद TCS का शेयर 2.5% तक गिर गया। इसका असर दूसरी IT कंपनियों पर भी पड़ा जिसके बाद Infosis, Wipro, LTI Mindtree और Tech Mahindra के शेयर 1-3% तक गिर गए। इससे निफ्टी IT इंडेक्स 2.1% नीचे आ गया।
दूसरी वजह है ट्रंप की टैरिफ योजनाएं जिनके चलते कनाडा से आने वाले सामान पर 35% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह अगले महीने से लागू होगा। इसकी वजह से Trade war की आशंका बढ़ गई है, जिससे निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ है।
इसके साथ ही क्रूड ऑयल की कीमत भी आज बढ़ गई। इसकी वजह थी कि ट्रंप ने रूस को लेकर कुछ कड़े कदम उठाने के संकेत दिए जिसकी वजह से निवेशकों में नए प्रतिबंधों पर लगातार डर बना हुआ है। यही वजह है कि ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 0.35 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई और यह 68.88 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया।