हाई कोर्ट ने राजस्थान सब-इंस्पेक्टर परीक्षा 2021 की रद्द, अब दोबारा आयोजित होगी परीक्षा!

राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरुवार 28 अगस्त को 2021 में आयोजित हुई राजस्थान सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती को लेकर एक एहम फैसला लिया है। कोर्ट ने इस भर्ती पर सुनवाई करते हुए इसे रद्द करने का फैसला सुनाया है। कोर्ट ने यह फैसला सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 में मिली गड़बड़ियों और पेपर लीक के मामले में सुनाया है। इस मामले में कोर्ट ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की संलिप्तता का भी जिक्र किया।
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कोर्ट ने सब इंस्पेक्टर परीक्षा की रद्द
राजस्थान कोर्ट में जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ द्वारा सब- इंस्पेक्टर परीक्षा 2021 को रद्द करने का फैसला सुनाया गया है। कोर्ट ने अपना फैसला 14 अगस्त को दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद सुरक्षित रख लिया था और 18 अगस्त को लिखित पक्ष रखने का हुकुम दिया था। इस भर्ती में गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में पिछले वर्ष 13 अगस्त को याचिकाएं दाखिल की गई थीं, जिनमें पेपर लीक के सबूत पेश करते हुए पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की गई थी।
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ट्रेनिंग ले रहे एसआई की नियुक्ति पर रोक
राजस्थान हाई कोर्ट ने सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा को लेकर 18 नवंबर 2024 को ट्रेनिंग ले रहे सब इंस्पेक्टरो की पासिंग आउट परेड और नियुक्ति पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा है कि इस भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर नकल हुई थी। हालांकि, कोर्ट ने भविष्य के लिए रास्ता भी दिखाया है जिसमें कोर्ट ने 17 जुलाई 2025 को जारी किए गए नए भर्ती विज्ञापन के साथ 2021 के 859 पदों को जोड़ने के निर्देश दिए हैं जिसमें बाद अब कुल 1912 पदों पर सब-इंस्पेक्टर भर्ती 2025 आयोजित की जाएगी। ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि वर्ष 2021 में परीक्षा देने वाले वह सभी अभ्यर्थी जिनकी आयु अब निकल गई है क्या उन्हें इस नई भर्ती परीक्षा में शामिल किया जाएगा।
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सरकार और अभ्यर्थियों ने कोर्ट में रखा अपना पक्ष
सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कोर्ट में कहा था कि भर्ती प्रक्रिया में 68 अभ्यर्थियों की मिली भगत सामने आई है। इसमें 54 ट्रेनी सब इंस्पेक्टर, 6 चयनित उम्मीदवार और 8 फरार आरोपी शामिल थे। इसके साथ ही सरकार ने कहा था कि इस मामले में पूरी चयन परीक्षा को रद्द करने की बजाय दोषियों को अलग करके भी कार्रवाई हो सकती है। वही दूसरी ओर इस परीक्षा में चयनित हुए अभ्यर्थियों ने कोर्ट से कहा कि उन्होंने अपनी तरफ से ईमानदारी से यह परीक्षा दी है और कई उम्मीदवारों ने इस भर्ती के लिए अपनी पूर्व सरकारी नौकरी तक छोड़ी है। पूरी भर्ती को रद्द करना हजारों योग्य उम्मीदवारों के भविष्य पर प्रहार होगा।