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1.12 करोड़ सरकारी कर्मचारियों को 8 वे वेतन आयोग का इंतेज़ार, इतने प्रतिशत तक बढ़ सकता है वेतन

8वें वेतन आयोग को लेकर सरकार द्वारा औपचारिक घोषणा जनवरी 2025 में की गई थी। लाखों सरकारी कर्मचारी और पेंशन भोगी 8वें वेतन आयोग का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसे स्थापित करने की मंजूरी दे दी है। इसके जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है, जिससे लगभग 1.12 करोड़ सरकारी कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को लाभ होगा।

क्या है वेतन आयोग का उद्देश्य

वेतन आयोग का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों और पेंशन भोगियों के वेतन और पेंशन में संशोधन करना है। फिलहाल देश में 7 वा वेतन आयोग काम कर रहा है, जो दिसंबर 2025 में खत्म हो रहा है। 8वें वेतन आयोग से सरकारी कर्मचारियों और पेंशन भोगियों की सैलरी, अलाउंस, पेंशन और रिटायरमेंट बेनिफिट्स में वृद्धि होने की उम्मीद है। इससे वेतन और पेंशन में 30-34% की बढ़ोतरी होने सकती है।

8वे वेतन आयोग के गठन में देरी क्यों

8वे वेतन आयोग के बनने की घोषणा जनवरी 2025 में की गई थी। जिसके बाद फरवरी में वेतन आयोग के अध्यक्ष और दो सदस्यों की भर्ती की जानी थी लेकिन फिलहाल जुलाई का भी तकरीबन आधा महीना बीत चुका है और सरकार अब तक वेतन आयोग में कोई नियुक्ति भी नहीं कर पाई। ऐसे में इसका जनवरी 2026 में आना थोड़ा मुश्किल लग रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि आयोग के गठन से लेकर इसे लागू करने तक की पूरी प्रक्रिया में बहुत समय लगता है।

7वें वेतन आयोग के गठन में भी समय लगा। 7 वे वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में हुआ था, लेकिन यह जनवरी 2016 से लागू हुआ था।

कर्मचारी कर रहे इंतजार

फिलहाल 8वे वेतन आयोग से जुड़ी हुई घोषणा का इंतेज़ार कर्मचारियों को बेसब्री से हैं। हालांकि कर्मचारी इस बात को लेकर बेफिक्र हैं कि भले ही आयोग के गठन में देरी हो रही है, लेकिन जिस दिन वेतन आयोग की रिपोर्ट तैयार होगी, उसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से ही लागू मानी जाएंगी। इससे कर्मचारियों को बढ़ा हुआ पैसा एरियर के रूप में वापस मिलेगा। देश के 1.12 करोड़ कर्मचारी इसका इंतेज़ार कर रहे है।

8वां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बढ़े वेतन वृद्धि का रास्ता साफ करेगा। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इससे कर्मचारीयों को काफी फायदा हो सकता है। दरअसल वेतन आयोग कर्मचारीयों की सैलरी स्ट्रक्चर, महंगाई भत्ते जैसे भत्तों और अन्य लाभों की समीक्षा करता है और उनमें वृद्धि का प्रस्ताव रखता है। जिससे कर्मचारियों के मुआवजे को महंगाई के दबावों और प्राइवेट सेक्टर के अनुरूप बनाए रखा जा सके।

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