बिहार में विधान सभा चुनाव होने जा रहे हैं। यह चुनाव पहले के चुनाव से अलग होगा। यह चुनाव छठ व दीवाली के करीब होंगे, जिसके कारण इस चुनाव की तैयारियां व इसके नतीजे बहुत ही खास हो सकते हैं। सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। जनता को अपनी तरफ करने के सारे प्रयास किए जाएंगे।
बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में प्रवासी मजदूरों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होगा। 3 करोड़ के करीब प्रवासी लोग मतदान करेंगे। बिहार में इस वर्ष होने जा रहे विधानसभा चुनाव छठ पूजा और दिवाली की नजदीक होंगे। इन पर्व से सभी प्रवासी लोगों का एक खास जुड़ाव है। यह पर्व परिवार के साथ मनाने के लिए देश के विभिन्न स्थानों में काम कर रहे मजदूर अपने घर लौटते हैं। चाहे कोई कहीं भी हो किसी भी पद पर काम करता हो, पर्व मनाने घर जरूर पहुंचते हैं। इस बार लगभग 3 करोड़ प्रवासी मजदूरों के लौटने की संभावना है। इन मजदूरों को मतदान करने का बेहतर अवसर मिलेगा। यह अवसर सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए भी बहुत अच्छा साबित हो सकता है। चुनावों का फैसला मुख्य रूप से इन प्रवासी लोगों पर निर्भर करता है।
राजनीतिक पार्टियों ने शुरू की तैयारियां
सभी पार्टियां ने इस अवसर का फायदा उठाने के लिए योजनाएं तैयार की है। मतदाताओं को लुभाने की हर प्रकार से कोशिश की जाएगी। भाजपा ने इस अवसर पर खास प्लान तैयार किया है। भाजपा 150 जिलों में पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को भेजेगी ताकि वे सभी प्रवासी लोगों से जुड़ सके और उनसे वोट डालने की अपील कर सकें। सभी लोगों का डाटा निकल लिया गया है। सभी से संपर्क किया जाएगा। जमीनी स्तर पर जुड़ने की कोशिश की जाएगी।
परिवहन में सुधार के अनुमान
हर साल जहां प्रवासी लोगों को घर जाने के लिए ढेरों परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बसों में, रेलगाड़ियों में, हवाई जहाज में, बहुत ज्यादा भीड़ होती है। बहुत से लोग टोह सफर भी नहीं कर पाते हैं। हवाईअड्डों, बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों पर लाखों लोगों की भीड़ रहती है। इन कारणों से सभी को बहुत सारी चुनौतियों व परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मगर इस बार चुनाव छठ त्यौहार के समय हो रहे हैं। अधिक मात्रा में प्रवासी लोगों बिहार पहुंचने की कोशिश की जाएगी। इसके लिए सरकार व अन्य पार्टियां लोगों के परिवहन के लिए खास सुविधाएं भी चल सकती हैं। परिवहन को जितना ज्यादा हो सके आसान व आरामदायक बनाने की कोशिश की जा सकती है। परिवहन में लोगों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं भी प्रधान की जा सकती हैं। परिवहन साधनों की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है।