बिहार

SIR पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, राजनीतिक दलों को लगाई कड़ी फटकार।

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) मामले में आदेश देते हुए कहा है कि जिन लोगों को मसौदा मतदाता सूची से बाहर रखा गया है वह ऑनलाइन और ऑफलाइन अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते है। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी साफ किया है कि आधार कार्ड समेत 11 दस्तावेजों की मदद से ही यह आवेदन दर्ज किए जा सकेंगे। इसके साथ ही बिहार के सभी 12 राजनीतिक दलों को आदेश दिए की बीएलए द्वारा आपत्तियां और दावे दर्ज कराए जाएं। सुप्रीम कोर्ट के SIR पर दिए आदेश के तहत चुनाव आयोग ने मतदान केंद्र स्थापित कर दिए हैं और शामिल न किए जाने के कारणों का खुलासा जिला स्तर की वेबसाइट पर कर दिया गया है। 8 सितंबर को होगी अगली सुनवाई।

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राजनीतिक दलों को दिए निर्देश

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच की सुनवाई में कहा गया कि 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल हैं, जिनमें से कोई भी सुप्रीम कोर्ट में मौजूद नहीं था, सिवाय राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और सात अन्य दलों के जिनका प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और डॉ. एएम सिंघवी कर रहे थे। सिब्बल आरजेडी सांसद मनोज झा का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, पार्टी का नहीं। किसी भी दल ने आपत्ति दर्ज नहीं कराई थी, हालाँकि सांसदों ने आपत्तियाँ दर्ज कराई थीं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि राजनीतिक दल मतदाताओं की मदद के लिए क्या कर रहे है।

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बूथ एजेंट किए जाएंगे नियुक्त

चुनाव आयोग की तरफ से यह भी कहा गया कि 1.6 लाख बूथ लेवल एजेंट (BLA) नियुक्त किए गए हैं, जिनसे अपेक्षा है कि वे प्रतिदिन कम से कम 10 लोगों से संपर्क करेंगे। आयोग ने बताया कि बीएलए एक दिन में 10 गणना फॉर्म दाखिल कर सकते हैं। ईआरओ बिना पूछताछ और सुनवाई के अवसर दिए बिना ड्राफ्ट रोल से कोई प्रविष्टि नहीं हटाएगा। 65 लाख में से 22 लाख लोगों के मृत होने और 8 लाख डुप्लिकेट होने की बात कही गई है।

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कोर्ट ने चुनाव आयोग को दिए निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सीईओ को आदेश दिए कि  वो राजनीतिक दलों के अध्यक्ष और महासचिव को नोटिस जारी करें कि वो इस मसले पर अदालत के आदेश पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें। बीएलए ऑनलाइन और निजी तौर पर 65 लाख हटाए गए मामलों में आपत्तियां और दावों की पेशकश कर सकते हैं। चुनाव आयोग के बीएलओ फिजिकल फॉर्म में दिए गए बीएलए द्वारा मुहैया कराए गए आपत्ति और दावों की पुष्टि के लिए नोट दें। इसके साथ ही वेबसाइट पर आवेदन कराने को लेकर भी उन्हें जानकारी दी जाए।

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