Earthquake: दिल्ली-एनसीआर, पश्चिम यूपी और हरियाणा समेत उत्तर भारत के बड़े हिस्से में भूकंप आया है। कई सेकेंड तक भी झटके लगते रहे, जिससे दहशत में आए लोग घरों से दौड़ कर सब बाहर निकल पड़े थे। यह भूकंप करीब 9:04 बजे आया था। यह ऐसा वक्त था, जब बड़ी संख्या में लोग अपने कार्यस्थलों की ओर जाने के लिए ही निकल रहे होते है या फिर रास्ते में होते है। फिलहाल भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर में भी था। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.4 थी, लेकिन इसके झटके काफी तेज महसूस किए गए थे। इसकी वजह यह थी कि भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर गहराई पर ही था। इसी कारण से भूकंप के झटके काफी तेज महसूस हुए थे। हालांकि अब तक इसके चलते जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
नेशनल सेसमोलॉजी सेंटर की ओर से इस बारे में भी डिटेल दी गई है। इसमें बताया गया है कि भूकंप का केंद्र झज्जर में था, जो अरावली पर्वत श्रृंखला के नजदीक में स्थित है। जमीन से करीब 10 किलोमीटर नीचे यह भूकंप आया था और 10 सेकेंड तक झटके महसूस भी किए गए थे। सालों बाद ऐसा हुआ है, जब भूकंप का केंद्र दिल्ली-एनसीआर के पास ही आया था। दिल्ली, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम, जींद, मेरठ, पानीपत, सोनीपत, मानेसर जैसे शहरों में भूकंप के हलके झटके महसूस भी किए गए हैं।
तीव्रता कम, फिर क्यों ज्यादा महसूस हुए भूकंप के झटके
Earthquake: भूकंप की तीव्रता खतरनाक नहीं थी, लेकिन इसकी गहराई काफी कम थी। इसी के चलते भूकंप के तेज झटके तो महसूस किए गए, लेकिन इससे नुकसान नहीं हुआ। हरियाणा के रोहतक, भिवानी और राजस्थान के जयपुर तक इस भूकंप के झटके भी महसूस किए गए थे। इसके अलावा पश्चिम यूपी के मेरठ, हापुड़, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और यहां तक कि हरिद्वार तक में ये झटके महसूस हुए थे।
एनसीआर के करीब 100 किलोमीटर के इलाके में हाईराइज इमारतें
दिल्ली-एनसीआर में बड़े पैमाने पर हाईराइज की सोसायटियां हैं। ऐसे में भूकंप का खतरा सबसे ज्यादा दिल्ली के इलाके में रहता है। अहम बात यह है कि यह झटके ऐसे समय में आए, जब बड़ी संख्या में लोग कामकाज के लिए निकले हुए थे। हालांकि जानकारी मिलते ही लोग घरों पर फोन करने लगे और हालचाल जानने के लिए परेशान भी दिखे। दिल्ली-एनसीआर के करीब 100 किलोमीटर के इलाके में ऊंची इमारतें हैं और हर बार भूकंप आने पर इसे लेकर काफी चिंता जाहिर की जाती है।