भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को यमन में फांसी दी जाएगी। निमिषा प्रिया को यमनी नागरिक की हत्या के आरोप में दोषी ठहराते हुए फंसी दी जा रही है। 37 वर्षीय नर्स निमिषा को 2017 में बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो मेहदी की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। निमिषा इस समय यमन की राजधानी सना की केंद्रीय जेल में बंद हैं।
2020 में यमन देश की कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी निमिषा की सजा को बरकरार रखा। जिसके बाद निमिषा ने राष्ट्रपति का रूख किया था, लेकिन वहां से भी उसे राहत नहीं मिल पाई थी।
निमिषा की मां का बयान आया सामने
निमिषा की मां प्रेमा कुमारी ने उसे बचाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की, वहां भी निराशा ही हाथ लगी। निमिषा की मां ने कोर्ट को बताया कि उनकी बेटी को बचाने का एक तरीका है ‘ब्लड मनी’ जिससे वो कि मृतक के परिजनों से बातचीत करके अपना पक्ष रख सकती है। इसके लिए उन्हें यमन जाना होगा और भारतीयों की यमन यात्रा पर बैन लगे होने के कारण वह ऐसा नहीं कर पा रही है।
निमिषा की मां ने कहा, मैं भारत और केरल सरकारों के साथ-साथ उसे बचाने के लिए गठित समिति का अब तक दिए गए सभी समर्थन के लिए बहुत आभारी हूं। लेकिन, यह मेरी अंतिम अपील है कृपया निमिषा की जान बचाने में हमारी मदद करें।
क्या कर रहा विदेश मंत्रालय
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था, “हमें निमिषा प्रिया को यमन में मिली सज़ा की जानकारी है। हम यह समझते हैं कि प्रिया का परिवार सभी मौजूद विकल्पों की तलाश कर रहा है।” हम भी अपनी ओर से संभव प्रयास कर रहे है।
क्या है पूरा मामला
निमिषा प्रिया केरल के पलक्कड़ के कोल्लेनगोडे की रहने वाली एक नर्स हैं जिन्होंने अपने पति टॉमी थॉमस के साथ यमन में अपना क्लिनिक शुरू करने का फैसला किया।निमिषा यमन में अलग-अलग प्राइवेट अस्पतालों में काम कर रही थी जबकी उनके पति और बेटी भारत लौट आए थे। क्लीनिक शुरू करने के लिए निमिषा ने बिजनेस पार्टनर की तलाश की जिसके बाद उनकी मुलाकात तलाल अब्दो महदी से हुई। महदी की मदद से निमिषा ने यमन में अपना क्लिनिक खोला था। जिसके बाद दोनों में विवाद होने लगा और महदी निमिषा को परेशान करने लगा।
महदी निमिषा को अपनी दूसरी पत्नी बताने लगा। वह बार-बार निमिषा से पैसे मांगता था। इस बात को लेकर निमिषा ने पुलिस में शिकायत भी की, जिसके बाद कुछ दिनों तक महदी को जेल में रहना पड़ा। जेल से वापस आके महदी ने निमिषा का पासपोर्ट ले लिया।
पासपोर्ट को वापस लेने के लिए निमिषा ने मेहदी को बेहोशी का इंजेक्शन लगाया। लेकिन दिए गए इंजेक्शन का डोज ओवरडोज में बदल गया और महदी की मौत हो गई। इसके बाद निमिषा ने अपनी दोस्त हनान के साथ मिलकर महदी के शरीर के टुकड़े कर डाले और उसकी शरीर को पानी के टैंक में फेंक दिया। इस मामले में साल 2018 में निमिषा को मौत की सजा सुनाई गई थी, जबकि यमन की नागरिक होने की वजह से हनान को आजीवन कैद हुई थी