
देश में अश्लील सामग्री को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार अपना पूरा प्रयास कर रही है। सरकार ने फिर एक बार इसके लिए एक बड़ा कदम उठाया है। यह कदम सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने उठाया है।
सॉफ्टपर्न भी पोर्न का एक प्रकार है, जिसमें अंग प्रदर्शन, सेमिनोडिटी जैसी चीजें आती है। यह बहुत ख़तरनाक होता है। रील विडियोज में भी सॉफ्टपर्न बढ़ रहा है।
एमआईबी ने दिया ओटीटी एप्स हटाने का निर्देश
अश्लील सामग्री को फैलाने वाले ओटीटी के खिलाफ एमआईबी का यह निर्देश आया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को करीब 20 से भी ज्यादा ओटीटी की एप्स और वेबसाइट पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है। यह निर्देश 23 जुलाई को बहुत से विभाग और समाज कल्याण के प्रतिनिधियों से सुझाव करके दिया गया है।
इन धाराओं के तहत हुई कार्यवाही
इन सभी ओटीटी वेबसाइट्स और ऐप्स पर आईटी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 और आईटी अधिनियम, 2000 के तहत अंकुश लगाने का निर्देश दिया गया है।
समाज में अश्लीलता फैलाकर इन ओटीटी माध्यमों ने देश के कानूनों को तोड़ है। इसी वजह से यह कदम उठाया गया है।सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 और 67ए भारतीय दंड संहिता की धारा 292 और महिलाओं का अश्लील चित्रण(निषेध) अधिनियम, 1986 का उल्लंघन हुआ है।
प्ले स्टोर और एप्पल स्टोर ने शुरू किया हटाना
निर्देश मिलते ही तुरंत प्ले स्टोर और एप्पल स्टोर ने इन एप्स को हटाना शुरू कर दिया है। हटाई गई 14 एप्स में से 9 प्ले स्टोर पर और 5 एप्पल स्टोर पर उपलब्ध थी।
इन एप्स को भी जल्द ही हटाया जाएगा।
- उल्लू
- डेसिफ्लिक्स
- बिग शॉट्स ऐप
- बूमेक्स
- नवरसा लाइट
- गुलाब ऐप
- बुल ऐप
- एएलटीबालाजी
- जलवा ऐप
- वाउ एंटरटेनमेंट
- लुक एंटरटेनमेंट
- हिटप्राइम
- फेनेओ
- शोएक्स, सोल टॉकीज
- अड्डा टीवी
- हॉटएक्स वीआईपी
- हलचल ऐप
- मूडएक्स
- नियोनएक्स वीआईपी
- फूगी
- मोजफ्लिक्स
- ट्राइफ्लिक्स
ये सभी ओटीटी समाज में अश्लील सामग्री का प्रदर्शन और फैलाव करते हैं। इसकी सामग्री से समाज पर बहुत गलत असर पड़ता है। इसी सामग्री की वजह से ही छेड़ छाड़ और रेप जैसे मामले बढ़ते है। ऐसी वेबसाइट्स और प्लेटफॉर्म्स पर अंकुश लगाना बहुत जरूरी है।