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हिमाचल में कुदरत का कहर: बादल फटने और मूसलाधार बारिश से तबाही, मंडी में सबसे ज़्यादा नुकसान

हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से जारी भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने हालात भयावह बना दिए हैं। विशेष रूप से मंडी ज़िला इस प्राकृतिक आपदा से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, जहाँ कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है और बड़े पैमाने पर जान माल का नुकसान हुआ है।

मंडी में 8 घर बह गए, 9 लोग लापता, अब तक 23 मौतें

तेज़ बारिश और भूस्खलन की वजह से मंडी जिले में आठ मकान ढह चुके हैं और नौ लोग लापता बताए जा रहे हैं। अब तक राज्य भर में बारिश और इससे जुड़ी घटनाओं के कारण 23 लोगों की जान जा चुकी है। हालात को संभालने के लिए प्रशासन युद्धस्तर पर काम कर रहा है।

पंडोह डैम से छोड़ा गया पानी और बाढ़ का खतरा

पंडोह डैम से लगभग 1.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण पंडोह बाजार और आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। स्थानीय लोगों को यह नज़ारा 2023 की त्रासदी की याद दिला रहा है।

मौसम विभाग का अलर्ट: रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी

मौसम विभाग ने मंडी, कांगड़ा और सिरमौर जिलों में अगले 24 घंटों के लिए मध्यम बाढ़ का रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि 6 जुलाई तक भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताते हुए ऑरेंज अलर्ट भी घोषित किया गया है। आपदा प्रबंधन के तहत स्कूल और कॉलेज एहतियातन बंद कर दिए गए हैं।

भूस्खलन, ढही इमारतें और ठप जन-जीवन

बारिश के चलते प्रदेश में अब तक 259 जगहों पर सड़कें बंद हो चुकी हैं। बिजली और पानी की आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है, 614 ट्रांसफॉर्मर और 130 जल योजनाएं बंद हैं। कई इमारतें भी जमींदोज हो चुकी हैं, जैसे शिमला के भट्टा कुफ्फार में एक पांच मंज़िला इमारत कुछ ही सेकंड में ढह गई। गनीमत रही कि समय रहते सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया।

Himachal Pradesh landslide alert many houses got washed away long traffic  jam on Shimla chandigarh NH ann | हिमाचल में बादल फटने के बाद आया सैलाब! बह  गए कई घर, सड़कों पर

शिक्षण संस्थानों में पानी भरने से छुट्टी

बिलासपुर के कुन्हमुंझवाड़ इलाके में एक सरकारी हाई स्कूल में घुटनों तक पानी भर गया, जिससे छात्रों को तत्काल घर भेजना पड़ा। स्कूल स्टाफ ने बताया कि पूरे परिसर में कीचड़ और पानी भर गया था।

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राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी असर

शिमला चंडीगढ़ हाईवे पर भूस्खलन के चलते पांच स्थानों पर यातायात प्रभावित हुआ है। सुबाथू वाकनाघाट और चक्की मोड़ जैसे रास्ते पूरी तरह बंद पड़े हैं। NHAI और जिला प्रशासन राहत और बहाली कार्यों में 24 घंटे जुटे हैं।

प्रशासन अलर्ट पर, मंत्री ने दिए कड़े निर्देश

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने आपदा प्रबंधन की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आमजन और पर्यटकों को लगातार अलर्ट करते रहें। नदियों, नालों और झरनों के किनारे जाने से लोगों को रोकने के लिए प्रचार और निगरानी बढ़ाई जाए।

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