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मध्य प्रदेश तीसरा सबसे बड़ा फूल उत्पादक

देश में तीसरे स्थान पर सबसे ज्यादा फूल अब मध्य प्रदेश में उगते हैं। लंदन और पेरिस में भी जाते हैं मध्य प्रदेश के फूल।

मध्यप्रदेश देश के सबसे ज्यादा फूल उगाने वाले राज्यों की सूची में तीसरे पायदान पर आ चुका है। राज्य में पीछे साल 512,914 टन फूलों का उत्पादन हुआ है। राज्य में बागवानी का क्षेत्र 2.771 मिलियन हेक्टेयर है, जिसमें से फूलों की खेती कुल 42,978 हेक्टेयर में होती है।

देश के 4 सबसे बड़े फूल उत्पादक राज्य

भारत दुनिया का असर सबसे बड़ा फूल उत्पादक देश है। पहले स्थान पर चीन है। देश में बहुत सारे अलग अलग प्रकार के फूलों का उत्पादन किया जाता है। इसमें सबसे बड़ा योगदान वाले राज्यों इस प्रकार हैं

  1. तमिलनाडु 21%
  2. कर्नाटक 16%
  3. मध्य प्रदेश 14%
  4. पश्चिम बंगाल 12%

भारत फूल निर्यात में 14वें स्थान पर

जहां भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा फूल उत्पादक देश है, वहीं यह दुनिया में फूल निर्यात के मामले में 14वें स्थान पर है। भारत ने 2023-24 में देश में अधिकतर उत्पादित फूलों का इस्तेमाल देश में ही होता है। दुनिया का सबसे ज्यादा निर्यात करने वाला देश नीदरलैंड है। नीदरलैंड ने 2023-24 में 4.91 अरब अमेरिकी डॉलर के फूलों का निर्यात किया है।

मध्य प्रदेश के फूलों का निर्यात दिल्ली से लंदन तक

फूलों का उत्पादन अच्छे स्तर पर हुआ है। उत्पादन के साथ साथ निर्यात का स्तर भी बहुत अच्छा है। मध्य प्रदेश के फूल देश में दिल्ली, मुंबई जयपुर से लेकर विदेश में लंदन और पेरिस तक निर्यात किए जाते हैं। वहां मध्यप्रदेश के फूलों को बहुत पसंद किया जाता है।

मध्य प्रदेश के ये फूल सबसे ज्यादा प्रसिद्ध

राज्य में उगाए जाने वाले सबसे प्रसिद्ध फूलों में  सेवती, गुलाब, गेंदा, ग्लेडियोलस, रजनीगंधा है। ओषधीय फूल भी प्रसिद्ध है जैसे ईसबगोल, सफेद मूसली, अश्वगंधा, कोलचिकम आदि। राज्य में सबसे ज्यादा इन फूलों का उत्पादन किया जाता है।

  1. गेंदा (खेती 24,214 हेक्टेयर)
  2. गुलाब (खेती 4,502 हेक्टेयर)
  3. सेवती (खेती 1,709 हेक्टेयर)

इसी के साथ ग्लेडियोलस की खेती 1,058 हेक्टेयर में , रंजनीगंधा की खेती 263 हेक्टेयर में व फूलों की खेती 11,227 हेक्टेयर में होती है। राज्य का कुल फूलों का  उत्पादन 15.01 टन प्रति हेक्टेयर है।

फूलों से राज्य में आर्थिक सुधार

फूलों की खेती से राज्य की आर्थिक गतिविधियों में खूब सुधार हुआ है। इन फूलों की खेती से किसान बहुत अच्छी आय काम रहे हैं। यह फूलों के उत्पादन के साथ इसमें राज्य सरकार के परिश्रम और प्रयासों का भी योगदान है। वे इसके लिए किसानों का प्रोत्साहन भी करते हैं।

छोटे किसानों के लिए लाभदायक

छोटे किसानों के लिए भी यह फूलों की खेती बहुत ही अच्छी साबित हुई है। छोटे किसान भी फूलों की खेती से अच्छा पैसा कमा रहे हैं। इससे बहुत से छोटे किसानों की आर्थिक स्थिति में। सुधार हुआ है। भोपाल की रहने वाली लक्ष्मीबाई कुशवाह ने चावल, गेहूँ की खेती को छोड़कर गुलाब, जरबेरा और गेंदा की खेती शुरू की।  इन फूलों की खेती से वह ₹300,000-400,000 हर महीने कमा रही हैं। 2024-25 में बागवानी फसलों के रकबे में कुल 14,438 हेक्टेयर का विस्तार हुआ और फूलों की खेती में कुल 5,329 हेक्टेयर का विस्तार हुआ। उत्पादन को ओर बढ़ाने के लिए किसानों का प्रोत्साहन किया जाता है। उन्हें उच्च जानकारी व तकनीकी नर्सरी दी जाती है।केंद्र सरकार की मदद से ग्वालियर एक उच्च तकनीक वाली नर्सरी विकसित की जा रही है। इसकी कुल लागत ₹13 करोड़ की होगी।

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