यमन के जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को आज बड़ी राहत मिली है। दरअसल निमिषा की फांसी सजा को फिलहाल टाल दिया गया है। निमिषा प्रिया को यमनी नागरिक की हत्या के आरोप में 16 जुलाई को यमन में फांसी दी जाने वाली थी। निमिषा 2018 से यमन कि जेल में बंद है। लेकिन भारत सरकार,धर्मगुरुओं, मानवाधिकार संगठनों और उनके परिवार की संयुक्त कोशिशों के चलते यमन प्रशासन ने उनकी फांसी की सजा फिलहाल टाल दी है।
परिवार ने सरकार से लगाई गुहार
दरअसल निमिषा को फांसी की सज़ा होने के बाद उनके परिवार ने भारत सरकार से इस मामले में मदद मांगी थी। जिसके बाद सरकार ने निमिषा के परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया था। भारत सरकार के इन्हीं प्रयासों के चलते फिलहाल स्थानीय प्रशासन ने निमिषा की फांसी की सजा को टाल दिया है।
क्या है मामला
निमिषा प्रिया के वकील और परिवार को पहले समय दिया गया था ताकि वो मृतक तलाल अब्दो महदी के परिवार से ब्लड मनी (मुआवज़े) को लेकर बात कर सके लेकिन दोनों परिवारों के बीच कोई समझौता नहीं हो सका। जिसके बाद अब जब तक दोनों पक्ष किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचते तब तक फांसी की सज़ा को स्थगित रखने का फैसला किया गया है।
फिलहाल भारत से ग्रांड मुफ्ती अबूबकर अहमद पीड़ित परिवार से बातचीत कर रहे हैं, ताकि समझौते की कोई राह निकल सके। उनकी पहले दिन की बातचीत सकारात्मक रही जिससे आगे की बातचीत की संभावना बनी हुई है।
भारत सरकार ने क्या कहा
इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने केंद्र सरकार से पूछा था कि वो निमिषा को लेकर क्या कर रहे हैं। इस पर केंद्र सरकार ने कहा था कि यमन थोड़ा अलग देश है। वहां के नियम और कानून अलग हैं और उनकी ओर से प्रयास जारी हैं,
सरकार का कहना है कि यह मामला संवेदनशील है। इसमें कोई भी कदम उठाना थोड़ा मुश्किल था। इसके बाद भी सरकार के यमन में मौजूद दूतावास और विदेश मंत्रालय ने प्रयास किए। उन्हीं के लगातार प्रयास के बाद अब निमिषा की सजा टालने में सफलता मिली है। फिलहाल सरकार उम्मीद जाता रहीं हैं कि निमिषा की फांसी की सजा पर रोक लग जाए।