
जम्मू-कश्मीर में धार्मिक श्रद्धा और प्रशासनिक समर्पण का संगम देखने को मिला है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बताया कि आज बूढ़ा अमरनाथ यात्रा के लिए 1000 से अधिक श्रद्धालु रवाना हुए। इसके साथ ही, देशभर से तीर्थयात्री यहां पहुँचकर इस पवित्र यात्रा में हिस्सा ले रहे हैं।
बढ़ती श्रद्धा
अमरनाथ यात्रा की बढ़ती संख्या धार्मिक आस्था का प्रतीक बन गई है।
इसके अलावा, अब तक 3.77 लाख से अधिक श्रद्धालु इस पवित्र यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा कर चुके हैं, जो राज्य में स्थिरता और जनविश्वास की स्पष्ट झलक देता है।
सुरक्षा के इंतजाम
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बताया कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए क्षेत्र में व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
इसी के साथ, पुलिस, सेना और प्रशासन मिलकर यात्रा को सुरक्षित और शांतिपूर्ण बनाने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं, और आधुनिक तकनीकों का भी भरपूर उपयोग किया जा रहा है।
श्रद्धालुओं की सुविधा
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीर्थयात्रियों की सुविधाओं को लेकर जम्मू-कश्मीर प्रशासन की सराहना की।
उन्होंने बताया कि आवास, चिकित्सा, परिवहन और भोजन जैसी जरूरी सेवाओं को प्राथमिकता देकर सभी विभाग समर्पित भाव से कार्य कर रहे हैं।
बूढ़ा अमरनाथ यात्रा का महत्व
बूढ़ा अमरनाथ यात्रा जम्मू-कश्मीर की पर्वतीय संस्कृति और धार्मिक परंपरा का महत्वपूर्ण पहलू है
जिसमें श्रद्धालु कठिन रास्तों से होकर शिवलिंग के दर्शन के लिए लंबी पैदल यात्रा करते हैं।
उपराज्यपाल का संदेश
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि राज्य प्रशासन उनकी सुरक्षा और सुविधा के लिए पूर्ण रूप से समर्पित है।
उन्होंने सेवा में लगे सभी कर्मचारियों को यात्रा को सरल और सुरक्षित बनाने के लिए धन्यवाद दिया।
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