दिल्ली की सड़कों से प्रदूषण फैलाने वाली पुरानी गाड़ियों को हटाने की मुहिम लंबे समय से चल रही है। वर्ष 2015 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने और फिर 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने पुराने वाहनों पर सख्ती के निर्देश दिए थे। अब 1 जुलाई 2025 से इस नियम को और प्रभावी बनाने के लिए नई व्यवस्था लागू की जा रही है।
1 जुलाई से क्या बदलेगा?
दिल्ली में अब 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहन और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहन ईंधन नहीं भरवा सकेंगे। इसके लिए शहर के करीब 498 पेट्रोल पंपों पर ANPR (ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकॉग्निशन) कैमरे लगाए गए हैं। ये कैमरे ‘एंड-ऑफ-लाइफ’ वाहनों की पहचान करेंगे और इन गाड़ियों को पेट्रोल-डीजल देने से मना कर दिया जाएगा।
इसके बाद, मौके पर मौजूद ट्रैफिक पुलिस या परिवहन विभाग की टीम ऐसे वाहनों का चालान करेगी या उन्हें जब्त कर सकती है।
किन गाड़ियों पर लगेगा प्रतिबंध?
डीजल वाहन: 10 साल पूरे कर चुके।
पेट्रोल वाहन: 15 साल से पुराने।
यह प्रतिबंध CNG गाड़ियों पर लागू नहीं होगा।
BS2 और BS3 मानकों की गाड़ियों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी।
एक शोध के मुताबिक, BS6 डीजल वाहन, BS4 गाड़ियों की तुलना में 82% कम पार्टिकुलेट मैटर और 68% कम नाइट्रोजन ऑक्साइड छोड़ते हैं, जो प्रदूषण कम करने के लिए महत्वपूर्ण है।
कितना होगा जुर्माना?
चार पहिया वाहनों पर ₹10,000 तक का जुर्माना।
दोपहिया वाहनों पर ₹5,000 का चालान किया जाएगा।
अब इन पुरानी गाड़ियों का क्या होगा?
अगर आपकी गाड़ी दिल्ली में तय सीमा से पुरानी हो चुकी है, तो उसे चलाना गैरकानूनी माना जाएगा, चाहे वह देखने में बिल्कुल नई ही क्यों न हो। ऐसे में आपके पास दो विकल्प हैं
गाड़ी को स्क्रैप कराना: इसके लिए किसी सरकारी मान्यता प्राप्त स्क्रैप सेंटर पर जाकर वाहन को जमा करना होगा। वाहन स्क्रैप होने के बाद आपको एक स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट मिलेगा।
दूसरे राज्यों में बेचना: आप अपनी पुरानी गाड़ी उन शहरों में बेच सकते हैं जहां यह नियम फिलहाल लागू नहीं हुआ है। इनमें नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम, आगरा और मथुरा जैसे इलाके शामिल हैं।