प्रधानमंत्री मोदी 7 साल बाद एक बार फिर जायेंगे चीन, SCO सम्मेलन में लेंगे हिस्सा!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छठी बार चीन का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री चीन SCO सम्मेलन में हिस्सा लेने जा रहे है। इस दौरान प्रधानमंत्री भारत और चीन के संबंधों को सुधारने की कोशिश करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात साल बाद अब एक बार फिर भारत के पड़ोसी देश चीन जायेंगे। प्रधानमंत्री अपने दो दिवसीय दौरे पर 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन में रहेंगे। वह चीन शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन के हिस्सा लेने जा रहे है। साल 2020 के गलवान में भारत और चीन के बीच हुई झड़प और कोरोना महामारी के बाद यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री चीन जा रहे है। इसके पहले प्रधानमंत्री पांच बार चीन का दौरा कर चुके है। चीन जाने से पहले प्रधानमंत्री 30 अगस्त को जापान में भारत-जापान शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर व्यापारिक तनाव बढ़ रहा है।
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प्रधानमंत्री का छठा चीन दौरा
चीन में आयोजित होने वाले शंघाई सहयोग संगठन सम्मेलन (SCO) में 20 से अधिक देशों के राष्ट्राध्यक्ष और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन में होने वाले इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री सबसे पहले चीन मई 2015 में गए थे। इस दौरान चीन में उनका भव्य स्वागत हुआ था। इसके बाद वह 2016 और 2017 में चीन गए जिसके 2018 में वह दो बार चीन की यात्रा पर गए थे। साल 2019 चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी भारत आए थे। इस दौरान दोनों देशों के बीच सीमा पर शांती बनाए रखने को लेकर बात हुई थी लेकिन उसके बाद साल 2020 में गलवान में भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच युद्ध के बाद इन संबंधो में खटास आ गई। अब उम्मीद जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री अपने इस दौरे से भारत और चीन के संबंधों को सुधारने का प्रयास करेंगे। प्रधानमंत्री से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर भी विदेश का दौरा कर चुके है।
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पिछले महीने विदेश मंत्री भी कर चुके है चीन का दौरा
पिछले महीने भारत के विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर भी चीन का दौरा कर चुके हैं। अपने इस दौरे पर विदेश मंत्री ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और चीन के के विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात की थी। अपनी इस यात्रा पर बात करने हुए विदेश मंत्री ने कहा था कि उनका यह दौरा भारत और चीन के बिगड़े हुए संबंधो में सुधार लाएगा। इस दौरान उन्होंने व्यापार प्रतिबंधों, एलओसी पर तनाव कम करने और आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई थी। विदेश मंत्री की यात्रा के बाद भारत सरकार ने पांच साल बाद चीनी नागरिकों को भारत का पर्यटन वीजा देने की मंजूरी दे दी थी।