उत्तर प्रदेश

उत्तरप्रदेश के 17 जिले और 200 से अधिक गांव आए बाढ़ की चपेट में। मुख्यमंत्री ने 11 मंत्रियों की टीम को स्थिति संभालने के दिए आदेश।

उत्तरप्रदेश में बाढ़ से बिगड़े हालात, हजारों लोग पलायन को मजबूर। घरों और दुकानों में घुसा पानी। मोटर बोट के जरिए पहुंचाई जा रही राहत सामग्री।

उत्तर प्रदेश में मूसलाधार बारिश और बाढ़ की वजह से हालात काफी बिगड़ते हुए नजर आ रहे है। प्रदेश की अधिकांश नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ने से लोगों के घरों में जल भराव हो रहा है। गंगा और यमुना जैसी नदियां भी खतरे के निशान को पार कर गई है। बारिश का आलम ये है कि अब प्रदेश के 17 से ज्यादा जिले बाढ़ की चपेट में है और 200 से ज्यादा गांवों में पानी घुस गया है। लोग पलायन करने को मजबूर हो रहे है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने सरकार के 11 मंत्रियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने और स्थिति संभालने की जिम्मेदारी दे दी है।

ये जिले हुए प्रभावित

कानपुर, लखीमपुर खीरी, बांदा, चित्रकूट, आगरा, चंदौली, वाराणसी, प्रयागराज, हमीरपुर, इटावा, गाजीपुर, मीरजापुर, औरैया और फतेहपुर जिलों के चार सौ गांव बाढ़ की चपेट में है।वाराणसी में बाढ़ का संकट गहरा गया है। बारिश और बाढ़ की वजह से इन इलाकों में 80,392 लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि 343 मकानों को नुकसान पहुंचा है। 2,759 मवेशियों को सुरक्षा स्थानों पर पहुंचाया गया है। प्रदेश में 4,015 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल बाढ़ की चपेट में आया है। सभी प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। सरकार द्वारा अब तक 327 लोगों को सहायता राशि भी दी जा चुकी है और अब तक 47,906 लोगों को सहायता भी पहुंचाई जा चुकी है। वही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जलजनित संक्रामक रोगों से बचाव के लिए लोगों को 1,29,571 क्लोरीन टेबलेट और 37,089 ओआरएस पैकेट भी बांटे गए हैं।

गंगा और यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा

वाराणसी और प्रयागराज में गंगा का पानी एक लाख से अधिक घरों में घुस गया है। गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 77 मीटर ऊपर पहुंचा गया है। अभी भी गंगा के जलस्तर में 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वृद्धि जारी है। काशी में हजारों लोगों ने अपने घर छोड़ दिया है। बारिश से सबसे ज्यादा रिहायशी क्षेत्र के लोग प्रभावित हैं। नक्खी घाट के आसपास वरुणा नदी उफान पर है। वही यमुना नदी भी खतरे के निशान को पार गई, जिसकी वजह से बांदा के चिल्ला, जसपुरा, पैलानी और तिन्दवारी क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गावों में पानी घुस गया है जिस वजह से बांदा-कानपुर मुख्य मार्ग को बंद कर दिया गया। इसके साथ ही मंदाकिनी, सरजू और केन जैसी नदियों का भी जलस्तर काफी ज्यादा बढ़ गया है।

मौसम विभाग ने बारिश का अलर्ट किया जारी

उत्तरप्रदेश के 45 जिलों में सुबह से बारिश हो रही हैं। 1 जून से 3 अगस्त तक की उत्तरप्रदेश में 365.1 मिमी बारिश हुई है। लखनऊ समेत 22 जिलों में स्कूलों में छुट्‌टी कर दी गई है। पिछले 24 घंटे में बारिश से 12 लोगों की मौत हो गई। मौसम विभाग ने आज उत्तर प्रदेश के 44 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही मौसम विभाग का कहना है कि आगामी 24 से 36 घंटे तक बिना किसी विशेष परिवर्तन के ऐसा ही मौसम बने रहने की भी संभावना है।

सुरक्षाबल और मंत्री कर रहे लोगों की मदद

मुख्यमंत्री के निर्देश पर सरकार ने 11 मंत्रियों की टीम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों के निरीक्षण के लिए पहुंच गई है और लगातार स्थिति का जायजा लिया जा रहा है। इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में NDRF, SDRF और PAC के जवान लगातार बचाव और राहत कार्यों में लगे हुए हैं और लोगों की मदद कर रहे है। जवान लगातार प्रभावित क्षेत्रों में 493 नावों और मोटरबोट्स की सहायता से राहत सामग्री और खाने पीने का सामान पहुंचा रहे है।

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