उत्तर प्रदेश

सपा विधायक Omar Ali Khan पर ज़मीन कब्जाने का गंभीर आरोप, दलित किसान ने कोर्ट में दी चुनौती

शामली/सहारनपुर — उत्तर प्रदेश के जनपद शामली से एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें सहारनपुर के बेहट से समाजवादी पार्टी के विधायक उमर अली खान ( Omar Ali Khan ) पर धोखाधड़ी कर दलित किसान की कृषि भूमि पर कब्जा करने का आरोप लगा है। पीड़ित किसान ने जमीन बैनामा को लेकर कोर्ट में वाद दायर किया है, जबकि विधायक ने सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया है।

शामली में सपा विधायक

10 साल पुराना मामला, अब हुआ खुलासा

पूरा मामला शामली के थानाभवन थाना क्षेत्र के कस्बा जलालाबाद का है। जानकारी के अनुसार, दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे के पास स्थित करीब पौने तीन बीघा जमीन अनुसूचित जाति के किसान रूप सिंह को सरकार की ओर से पट्टे पर आवंटित की गई थी। किसान का आरोप है कि कुछ लोगों ने वर्ष 2014 में इस जमीन को आबादी में दर्ज कराने के नाम पर धोखे से सहारनपुर के विधायक उमर अली खान ( Omar Ali Khan ) के नाम पर बैनामा करा दिया।

2024 में चला पता, किसान ने दर्ज कराया केस

किसान रूप सिंह को इस फर्जी बैनामे की जानकारी 10 साल बाद वर्ष 2024 में हुई। जब तहकीकात कराई गई, तो चकबंदी अधिकारी को दी गई लेखपाल की रिपोर्ट में भी यह ज़मीन आबादी में दर्ज नहीं पाई गई। इसके बाद पीड़ित किसान ने कैराना की जूनियर डिवीजन कोर्ट में बैनामा निरस्त करने की याचिका दायर की, जिस पर अगली सुनवाई 7 जुलाई 2024 को होनी है।

विरोध-प्रदर्शन और कब्जे की शिकायत

किसान परिवार का कहना है कि उनकी ज़मीन पर दबंगों ने ईंटें डालकर कब्जा करने की कोशिश की। उन्होंने जिलाधिकारी अरविंद चौहान से शिकायत करते हुए विधायक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया। परिजनों ने कहा कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, तब तक वे शांत नहीं बैठेंगे।

सपा विधायक Omar Ali Khan का पलटवार: “आरोप निराधार, करेंगे कानूनी कार्रवाई”

इस पूरे प्रकरण पर सपा विधायक उमर अली खान ने शामली कलेक्ट्रेट पहुंचकर एसडीएम के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने वर्ष 2017-18 में कानूनी तरीके से जमीन का बैनामा कराया था, जिसके सारे कागज़ात और भुगतान के सबूत उनके पास मौजूद हैं।

उमर अली ने कहा,

जमीन की पूरी राशि किसान के खाते में भेजी गई थी। अब 8-10 साल बाद उसे फर्जीवाड़ा याद आ रहा है। आरोप पूरी तरह निराधार हैं। जिस व्यक्ति से बैनामा लिया गया है, उसी पर आरोप लगाया जा रहा है जबकि प्रक्रिया पूरी तरह वैध थी।

“हमारे पास पहले से ही करीब 60 बीघा ज़मीन है जिसका हम नियमित लगान अदा कर रहे हैं। ऐसे में हम 2 बीघा ज़मीन हड़पने की कोशिश क्यों करेंगे?”
सपा विधायक ने इसे राजनीतिक बदनाम करने की साजिश बताते हुए कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है।

अगली सुनवाई 7 जुलाई को

इस प्रकरण की अगली सुनवाई अब कोर्ट में 7 जुलाई को निर्धारित की गई है। अब देखना यह होगा कि कोर्ट में दोनों पक्षों द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर क्या निर्णय लिया जाता है।

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