उत्तर प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर के फैसले के खिलाफ विरोध तेज होता जा रहा है। लखनऊ में ‘अपनी जनता पार्टी’ के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ( Swami Prasad Maurya ) अपने कार्यकर्ताओं के साथ सड़कों पर उतरे। उन्होंने हजरतगंज स्थित दारुल शफा के सामने धरना दिया और सरकार के फैसले पर नाराज़गी जताई। जब कार्यकर्ता विधानसभा की ओर बढ़ने लगे, तो पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया। विरोध के दौरान नारेबाजी और जमकर हंगामा हुआ। पुलिस की रोक के चलते मौर्य जमीन पर ही बैठ गए।
Swami Prasad Maurya ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि शिक्षा को बर्बाद किया जा रहा है, जबकि शराब की दुकानों को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने मांग की कि देशभर में ‘एक राष्ट्र, एक शिक्षा’ की नीति लागू हो। उन्होंने कहा कि जनसंख्या बढ़ रही है तो स्कूलों की संख्या भी बढ़नी चाहिए, न कि उन्हें बंद किया जाए। सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि पिछड़े और गरीब तबके के बच्चों को शिक्षा से वंचित करने की साजिश हो रही है।
रायबरेली से आए प्रदर्शनकारी दीपक ने बताया कि उनके जिले के हर ब्लॉक में करीब 20 स्कूल बंद किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर गांव के स्कूल बंद हो गए, तो बच्चों को 2–4 किलोमीटर पैदल जाना होगा, जिससे स्कूल ड्रॉपआउट की दर बढ़ेगी। उन्होंने मांग की कि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारी जाए, न कि स्कूल बंद किए जाएं।