क्या छांगुर बाबा है सिर्फ मोहरा? अवैध धर्मांतरण मामले में क्यों आ रहा सादुल्लानगर का नाम ?
छांगुर बाबा मामले में मिली नई जानकारी। जांच एजेंसियों ने इस मामले के तार सादुल्लानगर से जोड़े। क्या अवैध धर्मांतरण मामले में कोई और है अपराधी?

छांगुर बाबा मामले में अब एक नया मोड आया है। अवैध धर्मांतरण के इस मामले की जांच में अब पुराने तार जोड़े जा रहे है। जांच में सामने आ रहा है कि इस केस का अलसी मास्टरमाइंड कोई और भी हो सकता है। इस मामले के तार सादुल्लानगर से जोड़े जा रहे। जांच एजेंसियों ने अपनी भेजी रिपोर्ट में सादुल्लानगर क्षेत्र को धर्मांतरण मामले में एक चिंताजनक क्षेत्र बताया है। रिपोर्ट में सामने आया है कि सादुल्लानगर क्षेत्र में पिछले 10 वर्ष से अवैध धर्मांतरण चल रहा है।
जांच एजेंसी का बड़ा खुलासा
उत्तर प्रदेश के अवैध धर्मांतरण रैकेट मामले में छांगुर बाबा के साथ नसरीन का नाम सामने आया था, जिस पर छांगुर बाबा के करीबी होने का इल्जाम है। इस मामले में अब नसरीन के पति नवीन रोहरा भी जांच एजेंसी ED के रिमांड पर है। कोर्ट ने ED को 5 अगस्त से 8 अगस्त तक की रिमांड दी है। इन तीनों आरोपियों के अलावा भी कई और बड़े नामों के इस मामले से जुड़े होने की संभावना है। जांच एजेंसियों का कहना है कि ये तीनों सिर्फ मोहरे है जबकि असल अपराधी कोई और ही है। इसके साथ ही जांच में पता चला है कि अवैध धर्मांतरण की जड़ दुबई, कतर, सऊदी अरब और पाकिस्तान में भी मजबूती से जमी हुई है। भारत के साथ छांगुर बाबा नेपाल में भी धर्मांतरण की मुहिम में शामिल रह चुका है। अब इस मामले से जुड़ी नई जानकारी सामने आई है जिसके तहत इस मामले के तार सादुल्लानगर से भी जोड़े जा रहे है।
जांच में सामने आया है कि उत्तरप्रदेश का सादुल्लानगर क्षेत्र धर्मांतरण से जुड़े मामले में एक बहुत एहम क्षेत्र हैं। जांच एजेंसियों का कहना है कि इस क्षेत्र में पिछले 10 साल से अवैध धर्मांतरण से जुड़े मामलों को अंजाम दिया जा रहा है। जांच में पता चला है कि पूर्व सपा विधायक और गैंगस्टर आरिफ अनवर हाशमी के तार भी छागुर बाबा से जुड़े है। छांगुर बाबा को आरिफ अनवर का खास बताया जा रहा है। छांगुर बाबा आरिफ के समर्थन की वजह से ही पुलिस और प्रशासन की नजरों से बचा हुआ था। फिलहाल इस मामले की जांच जारी है और पूरे बलरामपुर जिले की स्थिति अभी भी सुरक्षा के लिहाज से काफी चिंताजनक बनी हुई है।
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जिलाधिकारी की जांच से मामला आया था सामने
साल 2023 में जब सादुल्लाहनगर में धर्मांतरण के नाम पर बड़ा खेल हो रहा था। तो समय उतरौला में भी जमीनों पर कब्जा कराया जा रहा था और पुलिस, कब्जेदारों के साथ खड़ी नजर आ रही थी। तब सपा के पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी से जुड़े मामलों का खुलासा हुआ था। 2024 में सादुल्लानगर के तत्कालीन थाना प्रभारी पर आरोप लगे कि उन्होंने पूर्व सपा विधायक व गैंगस्टर आरिफ अनवर हाशमी को संरक्षण दिया। धर्मांतरण नेटवर्क के साथ-साथ आरिफ अनवर हाशमी ने थाने की जमीन पर मजार बनवा दी। “थाने शरीफ शहीदे मिल्लत अब्दुल कद्दूस शाह रहमतुल्ला अलैह” नाम से एक समिति बनाकर उसने अपने भाई को मुतवल्ली नियुक्त किया। इस पूरे मामले से पर्दा तब उठा जब जून 2024 में यहां के जिलाधिकारी रहे अरविंद सिंह ने इस मामले में कार्रवाई की लेकिन इस मामले की तह तक पहुंचने के पहले ही उनका तबादला कर दिया गया उनकी रिपोर्ट का असर तत्कालीन एसपी पर भी पड़ा। उन्हें भी हटाया गया था।
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