Puri Rath Yatra Stampede: जगन्नाथ रथयात्रा एक सदियों पुरानी परंपरा और लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है. वही जगन्नाथ रथयात्रा इस बार एक दर्दनाक हादसे का कारण बन गई. रविवार को सुबह करीब 4 बजे पुरी के गुंडिचा मंदिर के सामने भगदड़ मचने से 3 श्रद्धालुओं की मोके पर ही मौत हो गई, लगभग 50 से अधिक लोग घायल हो गए हैं. वही 6 की हालत गंभीर बताई जा रही है.ये हादसा उस वक्त हुआ जब भगवान जगन्नाथ का नंदीघोष रथ गुंडिचा मंदिर पहुंच चुका था और हजारों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए उमड़ पड़े थे। पहले ही बलभद्र और सुभद्रा के रथ वहां पहुंच चुके थे, लेकिन जैसे ही वहा जगन्नाथ रथ भी आ पहुंचा, लोगों में उसे देखने की होड़ मच गई और स्थिति बेकाबू हो गई.
कैसे हुआ हादसा
Jagannath Rath Yatra Accident: रविवार सुबह 4 बजे के करीब, गुंडिचा मंदिर के सामने भारी भीड़ जमा हुई थी.जैसे ही भगवान जगन्नाथ का नंदीघोष रथ पहुंचा वैसे ही श्रद्धालु अचानक तेजी से रथ की और भागने लगे. उसी दौरान वहां धक्का-मुक्की हो गई और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई. मौके पर पर्याप्त पुलिस बल और बैरिकेडिंग नहीं थी, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। इस घटना में 3 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 50 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं. घायलों को तुरंत पुरी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहां उनका इलाज चल रहा है मृतकों की पहचान बसंती साहू (36), प्रेमकांति महांति (78) और प्रभाती दास के रूप में हुई है। तीनों के शव पुरी मेडिकल कॉलेज में रखे गए हैं.
इससे पहले भी बिगड़ी थी श्रद्धालुओं की तबीयत
इससे पहले यनी 27 जून (शुक्रवार ) को देवी सुभद्रा के रथ के पास भी बहुत भीड़ के चलते 625 से ज्यादा श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ के कारण 70 लोगों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा और 9 की हालत गंभीर थी. शनिवार को भी यात्रा के दौरान एक श्रद्धालु की तबीयत बिगड़ने पर रेस्क्यू टीम को उसे स्ट्रेचर पर अस्पताल तक पहुंचाना पड़ा था.
रथ यात्रा का कार्यक्रम
पुरी की रथयात्रा में तीनों देवताओं के रथों को गुंडिचा मंदिर तक लाया जाता है. जहां वह 9 दिन तक ठहरते हैं. 27 जून को रथयात्रा की शुरुआत हुई. सबसे पहले बलभद्र, फिर सुभद्रा और अंत में भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचा गया. शनिवार दोपहर तक तीनों रथ गुंडिचा मंदिर पहुंच गए. रविवार सुबह जब अंतिम रथ (Jagannath) के दर्शन के लिए भक्त वहा पहुंचे, तभी ये हादसा हुआ.
रथयात्रा 2024 में भी 2 मौतें
7 जुलाई 2024 को भी भगदड़ में 2 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी और दर्जनों लोगा घायल हुए थे. उस समय भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और पर्याप्त प्रबंधन के अभाव में हालात बेकाबू हो गए थे.