उत्तरप्रदेश में भाजपा सरकार जल्द ही एक नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति कर सकती है। दरअसल भाजपा के मौजूदा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का कार्यकाल इस साल की शुरुआत में खत्म हो गया था। भाजपा ने पिछले कुछ दिनों में भाजपा ने मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, तेलंगाना सहित कई राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों का ऐलान किया है और अब इस सूची में उत्तर प्रदेश की बारी है। 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को बहुत नुकसान हुआ था। उत्तर प्रदेश में भाजपा की सीटें 62 से घटकर 33 हो गईं थी। अब उत्तर प्रदेश में 2027 में विधानसभा के चुनाव होने हैं और इस लिहाज से पार्टी सभी जातीय व क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए ही अगले अध्यक्ष का चुनाव करेगी। इसके बाद पार्टी को अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का भी चुनाव करना है। अध्यक्ष पद का चुनाव करते समय पार्टी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पसंद पर भी गौर करेगी।
भाजपा इस बार नई नियुक्ति नीति अपनाएगी। भाजपा की ये नियुक्ति नीति समाजवादी पार्टी के PDA यानी पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक के नारे का जवाब हो सकती है। भाजपा भी समाजवादी पार्टी की ही तरह PDA नीति अपनाने पर विचार कर रही है। खबर ये भी है कि इस बार भाजपा OBC नेता को अध्यक्ष बना सकती है। OBC नेता को अध्यक्ष चुनने की एक बड़ी वजह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी है। दरअसल इस वक्त उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं जो कि सामान्य वर्ग से आते है इसलिए इस बात की संभावना बहुत कम है कि प्रदेश अध्यक्ष के पद पर किसी सामान्य वर्ग के नेता को मौका मिलेगा इसलिए पार्टी दलित और ओबीसी उम्मीदवारों की ओर ध्यान दे रही है।
2024 में हुए लोकसभा के चुनाव बाद से ही भाजपा बहुत सतर्क है और अब उत्तर प्रदेश सरकार कोई भी फैसला बिना विचार विमर्श के नहीं लें रही। भाजपा जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को पूरी तरह परख रही है। बड़े नेता भी अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों के चयन को लेकर लगातार मीटिंग कर रहे है। अध्यक्ष पद के लिए कई नेताओं के नाम सामने आ रहे है।
किन नेताओं के नामों पर हो रही है चर्चा
उत्तरप्रदेश में अध्यक्ष पद के लिए जिन प्रमुख नेताओं के नाम चर्चा में आ रहे है उनमें विनोद सोनकर, विद्या सागर सोनकर और राम शंकर कठेरिया का नाम शामिल है। ये तीनों ही नेता अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं। वही ओबीसी वर्ग की बात करे तो इस वर्ग से स्वतंत्र देव सिंह, अमरपाल मौर्य, बाबू राम निषाद, धर्मपाल सिंह, केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा और साध्वी निरंजन ज्योति के नाम पर भी चर्चा चल रही है। सुनने ये भी आया है कि भाजपा अपने कई बड़े नेताओं के नामों पर भी विचार कर रही है। इनमें केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर, भूपेंद्र यादव और धर्मेंद्र प्रधान का नाम भी शामिल हैं। वहीं, भाजपा महासचिव सुनील बंसल और विनोद तावड़े के नाम भी चर्चा में सामने आ रहे है। अब देखना ये होगा कि भाजपा कितना वक्त और लेती है अपने प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव करने में और किसे उत्तरप्रदेश भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करती है।