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Delhi old vehicle: पुराने वाहनों पर रोक के फैसले पर राहत की कोशिश में दिल्ली सरकार, सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी

Delhi old vehicle : दिल्ली में पुराने वाहनों (End of Life Vehicles – ELV) पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर राज्य सरकार अब सुप्रीम कोर्ट का रुख करने जा रही है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घोषणा की है कि सरकार दिल्लीवासियों को राहत देने के लिए कानूनी विकल्प तलाश रही है और जल्द ही शीर्ष अदालत में इस मसले को उठाएगी।

End of Life वाहनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएगी दिल्ली सरकार, राहत देने की  तैयारी | Delhi government will go to Supreme Court regarding End of Life  vehicles|End of Life वाहनों को

1 जुलाई से लागू हुए इस प्रतिबंध के तहत 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को दिल्ली में चलाना व पेट्रोल/डीजल भरवाना प्रतिबंधित कर दिया गया था। इस आदेश का उद्देश्य राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करना था, लेकिन इसका असर लगभग 62 लाख से अधिक वाहनों पर पड़ा, जिससे जनता में असंतोष और विरोध की स्थिति बनी।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा,

“दिल्ली के नागरिकों को अनावश्यक परेशानी न हो, यही हमारा उद्देश्य है। हम जनता के हितों की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। जिन एजेंसियों ने यह आदेश जारी किया, उनके सामने भी अपनी बात मजबूती से रखेंगे।”

दिल्ली सरकार ने केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) से इस आदेश की पुनरावलोकन (रिव्यू) की मांग की है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि तकनीकी जटिलताओं और ईंधन आपूर्ति प्रणाली पर बोझ को देखते हुए प्रतिबंध का क्रियान्वयन बेहद मुश्किल साबित हो रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे वाहन जब्त किए जाएंगे जो वास्तव में प्रदूषण फैला रहे हैं, बजाय इसके कि जिम्मेदार नागरिकों को सजा दी जाए।

फ्यूल बैन को किया गया था अस्थायी रूप से स्थगित

जनता की तीखी प्रतिक्रिया के बाद दिल्ली सरकार ने उन वाहनों को ईंधन न देने के आदेश को अस्थायी रूप से रोक दिया है। सरकार का कहना है कि यह कदम दोबारा समीक्षा करने और व्यवहारिक समाधान निकालने के लिए उठाया गया है।

कैसे की जा रही थी ELV की पहचान?

दिल्ली के 498 पेट्रोल पंपों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जो वाहनों की नंबर प्लेट स्कैन कर केंद्रीय डेटाबेस से ELV स्टेटस जांचते हैं। अगर कोई वाहन प्रतिबंधित श्रेणी में आता है, तो फ्यूल स्टेशन ऑपरेटर को अलर्ट भेजा जाता है, जिससे वाहन में पेट्रोल/डीजल न भरा जाए।

क्या है आगे की रणनीति?

सरकार अब Supreme Court में यह तर्क देने की तैयारी में है कि दिल्ली जैसे बड़े महानगर में सभी वाहनों को एक समान मानदंड पर प्रतिबंधित करना व्यवहारिक नहीं है। साथ ही सरकार प्रदूषण रोकने के लिए पुराने वाहनों की फिटनेस जांच, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट सख्ती, और स्क्रैप नीति जैसे वैकल्पिक उपायों को अपनाने की बात कह रही है।

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