
भारत ने पांच साल के लंबे इंतजार के बाद चीनी नागरिकों के लिए भारत के दरवाजे खोल दिए है। चीनी नागरिक आज से भारतीय वीजा के लिए आवेदन दे सकेंगे। भारत के बीजिंग स्थित दूतावास ने बुधवार को इसकी घोषणा की। इस निर्णय पर चीन ने भी अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। भारत के इस कदम पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि यह एक सकारात्मक कदम है और इससे दोनों देशों के बीच यात्रा और संवाद को बढ़ावा मिलेगा।
भारत ने लगाई थी वीजा देने पर रोक
2020 में कोविड-19 महामारी के कारण और 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद भारत और चीन के बीच यात्रा और रिश्ते बुरी तरह प्रभावित हुए थे। 1962 के युद्ध के बाद दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई है। भारत ने चीनी नागरिकों को वीजा देना बंद कर दिया था और भारत ने चीनी नागरिकों के सभी पर्यटक वीजा भी रद्द कर दिए थे। हालांकि पिछले कुछ समय से हालात में सुधार आया है। कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य बातचीत के जरिए पैंगोंग झील, गलवान और हॉट स्प्रिंग्स जैसे कई तनावग्रस्त इलाकों से सेनाएं पीछे हटीं। अक्टूबर 2024 में देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों से भी सेनाएं हटाने का समझौता हुआ था। जिसके बाद कुछ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी रूस के कजान में द्विपक्षीय रिश्तों को सुधारने के लिए बातचीत के बाद कई अहम फैसले लिए थे।
इस तरह दे सकते है वीजा के लिए आवेदन
अब चीनी नागरिक ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। चीनी नागरिक अपॉइंटमेंट लेकर और बीजिंग, शंघाई और ग्वांगझू के भारतीय वीजा सेंटर्स में अपने पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज जमा करके वीजा हासिल कर सकेंगे। भारतीय दूतावास ने कहा है कि बीजिंग के भारतीय वीजा केंद्र में जमा किए गए आवेदनों के लिए पासपोर्ट वापसी के वक्त एक पासपोर्ट विदड्रॉल (वापसी) पत्र देना अनिवार्य होगा। यह कदम प्रक्रिया को सुचारु और पारदर्शी बनाने के लिए उठाया गया है।
विदेश मंत्री की बातचीत के बाद उठाया गया ये कदम
विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर 5 साल बाद शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में शिरकत करने के लिए 14-15 जुलाई को चीन का दौरा किया था। जिसके बाद भारतीय विदेश मंत्री और चीनी समकक्ष वांग यी के बीच वार्ता हुए। इस वार्ता के लगभग डेढ़ सप्ताह बाद द्विपक्षीय संबंधो को सुधारने के प्रयासों के तहत ये महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। विदेश मंत्री ने चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से भी वार्ता की और उन्हें बताया कि द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य करने के प्रयास दोनों ही देशों के लिए लाभकारी परिणाम प्रदान कर सकते हैं।
बढ़ेगा व्यापार और पर्यटन
भारत के चीनी नागरिकों को वीजा देने के फैसले से पर्यटक और व्यापारी संगठन काफी खुश है। दरअसल भारत के कई पर्यटन और व्यापारिक संगठन काफी समय से चीन के वीजा बहाली का इंतजार कर रहे थे क्योंकि चीन से भारत आने वाले पर्यटकों की संख्या बड़ी और खर्चीली होती है। इससे पर्यटन, व्यापार और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को बड़ा लाभ मिलता था जो अब वीजा बहाली के बाद से दोबारा मिलना शुरू हो जायेगा।