दुनिया की दिग्गज कंपनियों में से एक माइक्रोसॉफ्ट ने 25 साल तक पाकिस्तान में काम करने के बाद अब पाकिस्तान छोड़ने का मन बना लिया है। माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान में अपना परिचालन बंद करने का फैसला किया है। यह पाकिस्तान के लिए एक बड़ा नुकसान है। कहा जा रहा है कि इस बात का संकेत माइक्रोसॉफ्ट ने पहले ही दे दिया था। माइक्रोसॉफ्ट दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक है जिसने अपना काम 192 से ज्यादा देशों में फैला रखा है।
साल 2000 में पाकिस्तान में माइक्रोसॉफ्ट को लॉन्च किया गया था। माइक्रोसॉफ्ट को पाकिस्तान में लॉन्च करने वाले जव्वाद रहमान ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट शेयर करते हुए यह जानकारी दी है। 25 साल तक पाकिस्तान में काम करने के बाद माइक्रोसॉफ्ट का यूं पाकिस्तान छोड़ना कई सवाल खड़े कर रहा है। माइक्रोसॉफ्ट के इस फेसले से सबसे बड़ा सवाल ये उठता हैं कि क्या पाकिस्तान मल्टीनेशनल कंपनियों के लिए सुरक्षित जगह नहीं रही? अब देखना ये होगा कि माइक्रोसॉफ्ट के इस फैसले पर पाकिस्तान की क्या प्रतिक्रिया होती है। क्या माइक्रोसॉफ्ट की तरह बाकी बड़ी कंपनियां भी पाकिस्तान से किनारा करेंगी?
खबरों की माने तो माइक्रोसॉफ्ट पिछले कुछ वर्षों से पाकिस्तान में अपना स्टाफ और परिचालन घटा रही थी। अब कंपनी पूरी तरह से पाकिस्तान से बाहर जा रही है। हालांकि माइक्रोसॉफ्ट एक नए मॉडल पर जा रहा है, जहां वह सीधे ऑफिस चलाने के बजाय रीजनल ऑफिस और ऑथराइज्ड रिसेलर के माध्यम से पाकिस्तानी ग्राहकों को सेवा प्रदान करेगा। माइक्रोसॉफ्ट ने स्पष्ट किया कि यह बदलाव मौजूदा सेवाओं या ग्राहक एग्रीमेंट को प्रभावित नहीं करेगा. यह एक ऐसा मॉडल है जिसका वे पहले से ही कई देशों में इस्तेमाल कर रहे हैं, और उन्होंने यूजर्स को आश्वासन दिया है कि सर्विस की क्वालिटी में कोई बदलाव नहीं होगा।
क्या है जव्वाद रहमान का पूरा Linkedin पोस्ट
रहमान ने दुख जताते हुए लिखा लिंक्डइन पर एक पोस्ट साझा की जिसमें उन्होंने लिखा कि ‘एक युग का अंत…माइक्रोसॉफ्ट पाकिस्तान’ “आज, मुझे पता चला कि माइक्रोसॉफ्ट आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान में अपना परिचालन बंद कर रहा है। बचे हुए कुछ कर्मचारियों को औपचारिक रूप से सूचित किया गया और बस इसी तरह, एक युग समाप्त हो गया… ठीक 25 साल पहले, जून 2000 में, मुझे माइक्रोसॉफ्ट पाकिस्तान को लॉन्च करने और उसका नेतृत्व करने का सम्मान मिला था।” पाकिस्तान छोड़ने के माइक्रोसॉफ्ट के इस फैसले पर चिंतन की जरूरत है, “आज की खबर इसे दोबारा विचार करने पर मजबूर करती है। यह कॉरपोरेट निकास से कहीं अधिक है। यह हमारे देश द्वारा बनाए गए माहौल का एक गंभीर संकेत है। जहां माइक्रोसॉफ्ट जैसी वैश्विक दिग्गज कंपनियों को भी यहां रहना मुश्किल लगता है। यह इस बात को भी दर्शाता है कि माइक्रोसॉफ्ट की बाद की टीम और क्षेत्रीय प्रबंधन द्वारा हमारे पीछे छोड़ी गई मजबूत नींव के साथ क्या किया गया (या नहीं किया गया)।” यह पूछने का समय आ गया है कि पाकिस्तान में ऐसा क्या बदल गया है जिसके कारण वैश्विक निगम देश छोड़कर चले गए हैं। “हमें पूछना चाहिए: क्या बदल गया? क्या खो गया? उन मूल्यों, नेतृत्व और दूरदर्शिता का क्या हुआ जिसने कभी यह सब संभव बनाया था?”