1 अगस्त से लागू होंगे UPI के नए नियम, जाने क्या होंगे नए बदलाव।
UPI इस्तेमाल करने का तरीका कल से बदल जाएगा। NPCI ने UPI ट्रांजैक्शन को आसान बनाने के लिए किए तीन बड़े बदलाव।

1 अगस्त से देश में UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) इस्तेमाल करने का तरीका बदलने वाला है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI को आसान और सुरक्षित बनाने के लिए नए नियम लागू किए हैं। इन नियमों के चलते यूजर्स को कुछ खास फीचर्स का इस्तेमाल दिन में कब और कितनी बार करना है, इस बारे में थोड़ी सावधानी बरतनी होगी। एनपीसीआई के यह नियम PhonePe, Amazon Pay, CRED, Paytm, BHIM और Google Pay सहित लगभग 10 UPI ऐप्स पर लागू होगी।
ऑटो पे लेनदेन अब सिर्फ दिन में 3 बार होंगे
सबसे बड़ा बदलाव अब ऑटो पे ट्रांजैक्शन जैसे म्यूचुअल फंड की SIP या ओटीटी सब्सक्रिप्शन पर देखने को मिलेगा। सभी प्रकार के ऑटो पे ट्रांजैक्शन अब दिन में किसी भी समय इस्तेमाल नहीं हो सकेंगे। ये ऑटो-डेबिट ट्रांजैक्शन अब दिन में केवल नॉन पीक ऑवर्स में प्रोसेस होंगे जिसके लिए तीन समय सुनिश्चित किए गए है – सुबह 10 बजे से पहले, दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे के बीच, और रात 9:30 बजे के बाद। ऐसा करने से सिस्टम पर लोड कम होगा और ट्रांजैक्शंस तेजी से पूरी होंगे।
बार बार नहीं चेक कर सकेंगे बैलेंस
एक और बड़ा बदलाव यह है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी UPI ऐप के ज़रिए कितनी बार अपना बैंक बैलेंस चेक कर सकता है इसकी सीमा भी तय कर दी गई है। 1 अगस्त से यूजर्स प्रत्येक ऐप पर प्रतिदिन केवल 50 बार ही अपना बैलेंस चेक कर सकेंगे। अगर यूजर्स इस सीमा को पार कर जाते हैं तो ऐप बाकी दिन के लिए बैलेंस की जानकारी दिखाना बंद कर सकता है। इसके साथ ही UPI ऐप पर अपने लिंक किए गए बैंक खातों को यूजर्स दिन में सिर्फ़ 25 बार ही देख सकेंगे।
ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक करने की लिमिट
एनपीसीआई ने असफल लेनदेन के लिए भी नए नियम जोड़े हैं। अगर कोई UPI भुगतान विफल हो जाता है तो अब यूजर्स 2 घंटे में केवल 3 बार ही उस लेनदेन की स्थिति की जाँच कर पाएँगे और प्रत्येक प्रयास के बीच 90 सेकंड का अंतराल होना चाहिए।
क्यों किए गए ये बदलाव
NPCI का कहना है कि UPI सिस्टम पर बहुत ज्यादा लोड पड़ रहा है खासकर यूजर्स द्वारा बार-बार बैलेंस चेक करने या ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक करने से UPI सिस्टम स्लो हो जाता है।हाल ही में अप्रैल और मार्च 2025 में UPI में दो बड़े आउटेज हुए जिसके चलते करोड़ों यूजर्स को परेशानी हुई थी। एनपीसीआई के इन नियमों के लागू होने से सिस्टम पर लोड कम होगा और ट्रांजैक्शन करते समय स्पीड भी तेज रहेगी। ये नए नियम UPI ट्रांजैक्शन को और अधिक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से लागू किए जा रहे है।