उत्तरप्रदेश में दो बड़ी पान मसाला ब्रैंड की इकाइयों की हुई जांच। करोड़ों की टैक्स चोरी का हुआ खुलासा।
उत्तरप्रदेश में विमल और शिखर जैसी बड़ी पान मसाला कंपनियों की इकाइयों पर लगे टैक्स चोरी के आरोप। कम्पनियों पर की गई कार्यवाही।

उत्तर प्रदेश में दो बड़े ब्रांड के पान मसाला इकाइयों की जांच में करोड़ों की टैक्स चोरी और बिना ई-वे बिल के सप्लाई का खुलासा हुआ है। प्रदेश शासन के निर्देश पर नोएडा में विमल पान मसाला की इकाइयों की जांच की गई जबकि कानपुर और बाराबंकी में शिखर पान मसाला के चार ट्रकों को पकड़ा गया।
क्या है पूरा मामला
राज्य कर प्रमुख सचिव एम. देवराज को दो पान मसाला ब्रांड्स में टैक्स चोरी की गोपनीय सूचना मिली थी। जिसके बाद उन्होंने नोएडा में विमल पान मसाला की इकाइयों में जांच के लिए बाहरी टीमों को नोएडा भेजा ताकि स्थानीय अधिकारियों की संलिप्तता से बचा जा सके। इस जांच के दौरान विमल पान मसाला की इकाइयों की अच्छे से जांच की गई जिसमें कंपनी के स्टॉक और बिक्री में भारी अंतर पाया गया, जिसके बाद जेवी इंडस्ट्रीज द्वारा 2.5 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में जमा किए गए हैं।
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कानपुर और बाराबंकी में भी शिखर पान मसाला के कुल चार ट्रक बिना ई-वे बिल के पकड़े गए। कानपुर में डीएम की निगरानी में तीन ट्रक पकड़े गए, जबकि बाराबंकी में एसडीएम ने एक और ट्रक को सीज किया। सभी ट्रकों में टैक्स चोरी का माल पाया गया। इसके साथ ही वी वन ब्रांड की जांच में भी टैक्स चोरी उजागर हुई, जिसके बाद संबंधित कंपनी ने 50 लाख रुपये का टैक्स जमा कराया है। शासन स्तर से इस मामले की भी विस्तृत जांच के निर्देश दिए गए हैं। फिलहाल विमल और शिखर ब्रांडों से जुड़ी फर्मों की बैकवर्ड सप्लाई चेन और बहीखाता प्रणाली की बारीकी से पड़ताल की जा रही है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य में कोई भी कारोबारी टैक्स चोरी जैसे अपराधों में लिप्त न हो सके। अगर कोई ऐसे अपराधों में लिप्त पाया जाता है तो उनके और उनकी कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
विभागीय अधिकारियों को नहीं किया शामिल
इन कार्रवाइयों में विभागीय अधिकारियों को शामिल नहीं किया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उच्च स्तर पर गोपनीयता बरती गई थी। नोएडा और कानपुर में राज्य कर विभाग की कमान सीधे आईएएस अधिकारियों के हाथ में है। इससे शासन की गंभीरता और पारदर्शिता की नीति भी साफ झलकती है।
राज्य कर विभाग करेगा जांच
राज्य कर विभाग अब इन सभी मामलों से जुड़ी वित्तीय जानकारी, लेन-देन के स्रोत, माल के वास्तविक गंतव्य और संलिप्त कर्मचारियों की भूमिका की जांच कर रहा है। इसके साथ ही आगे भी जिन पान मसाला कंपनियों और तंबाकू उद्योगों पर संदेह है उनकी जांच की योजना प्रशासन द्वारा बनाई जा रही है। जिस भी कंपनी की जांच में कोई गड़बड़ी पाई जाएगी उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
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