दिल्लीदेश

दिल्ली, नोएडा वालों को जाम से बड़ी राहत मिलेगी, गडकरी का ऐलान

केंद्र सरकार की तरफ से नोएडा में दूसरा एक्सप्रेस-वे बनाने की योजना बनाई जा रही है। एनएचएआई (NHAI) नोएडा अथॉर‍िटी और गौतम बुद्ध नगर के सांसद महेश शर्मा ने 30 किमी लंबे यमुना तट के किनारे बाईपास एक्सप्रेसवे का प्रस्ताव दिया। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वे इस प्रस्ताव पर विचार करेंगे। पैसे की कोई कमी नहीं होगी और एनएचएआई (NHAI) इस प्रोजेक्‍ट को शुरू कर सकता है। ग्रेटर नोएडा और नोएडा के बीच बनने वाला दूसरा एक्सप्रेस-वे छह लेन का हो सकता है।

इस प्रोजेक्‍ट को नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने मार्च में मंजूरी दी थी। नोएडा अथॉर‍िटी चाहती है क‍ि एनएचएआई (NHAI) ही इसे बनाए। शुरुआत में एनएचएआई (NHAI) ने यमुना पुश्ता रोड को नेशनल हाइवे घोषित करने में देरी के कारण इस प्रोजेक्‍ट से पीछे हटने का फैसला किया था।

नए एक्सप्रेसवे की भारी जरूरत

नोएडा और ग्रेटर नोएडा को जोड़ने वाले एक्सप्रेसवे पर बहुत ज्यादा जाम की समस्या रहती है। लगभग 5 लाख गाड़ियां रोजाना इस एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल करती है। एक्सप्रेसवे पर गाड़ियों का जाम लगा रहता है। इससे समय और काम की बहुत हानि होती है।

यहां रियल एस्टेट भी बहुत तेजी के साथ ग्रो कर रहा है। समय के साथ इस रियल एस्टेट ग्रो में और भी अधिक तेजी आ सकती है। पिछले कुछ समय में बहुत अधिक संख्या में लोगों ने नोएडा का रुख किया है। रियल एस्टेट के दाम बहुत ऊंचे हो चुके हैं।

अभी नोएडा में नया हवाई अड्डा बनने जा रहा है। इसके बाद नोएडा के लोगों को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक लंबा सफर करके नहीं आना पड़ेगा।

इन सभी के कारण नए एक्सप्रेसवे की जरूरत बढ़ जाती है।

हर दिन के जाम की समस्या

यह नोएडा एक्सप्रेसवे 25 किलोमीटर लंबा हैं। इससे हर रोज करीब पांच लाख गाड़ियां गुजरती है। एक्सप्रेसवे पर करीब दो लाख डीएनडी फ्लाईवे से, एक लाख चिल्ला बॉर्डर और कालिंदी कुंज से व सेक्टर-15, 16, 18 और 37 जैसे अन्य प्‍वाइंट से एक-एक लाख गाड़िया आती हैं। यमुना तट रोड, जो 2014 में खुला था, वह भी खराब हो चुका है।

प्रदूषण कम करने की नई पहल

एक नई पहल ‘एक पेड़ मां के नाम’  तेजी से फैल रहे वायु प्रदूषण को कम करने और प्राकृतिक संतुलन को सुधारने में मदद करेगा। NHAI ने कहा कि यह कॉरिडोर देश में ग्रीन डेवलपमेंट का उदाहरण बनेगा। गडकरी ने अनुसार, सड़क के निर्माण में 80 लाख टन कचरे का इस्तेमाल हो चुका है और हाइवे पर रेनवॉटर हार्वेस्टिंग भी लागू की जा रही है। नए एक्सप्रेसवे के लिए एनएचएआई (NHAI) की औपचारिक मंजूरी का इंतजार है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button